राजपाल यादव का खुलासा: खुद में सेंसर लगाना जरूरी, रणवीर अल्लाहबादिया को दी सलाह!

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फिल्म अभिनेता राजपाल यादव ने हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा माता-पिता को लेकर किए गए विवादित टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वे उस कला का सम्मान करते हैं जिसमें शिष्टता और सार्वजनिक अच्छाई दोनों होती हैं। यादव ने बताया कि कला से जुड़ी सामग्री का प्रभाव हर आयु वर्ग पर होना चाहिए, चाहे वह बच्चा हो, बुढ़ा हो या युवा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे देश की संस्कृति प्रेम और नैतिकता से परिपूर्ण है, और वर्तमान डिजिटल युग में हमें ऐसा कंटेंट प्रस्तुत करना चाहिए जो सभी के मन को प्रसन्न करे।

राजपाल यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी कलाकार को अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए। उन्होंने चेताया कि कैमरे के सामने बोलने से पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उनकी बातों से कोई आहत न हो। यादव ने एक महान अभिनेता चार्ली चैपलिन के उद्धरण का संदर्भ देते हुए कहा कि यदि हमारे दुखों से किसी को खुशी मिलती है, तो वह दुख सकारात्मक है; और यदि हमारे सुख किसी और को दुखी करते हैं, तो वह कला बेकार है। उनका मानना है कि एक अभिनेता का मानसिक सेंसर बोर्ड होना जरूरी है, ताकि वे समाज की संवेदनाओं का ध्यान रख सकें।

वेब सीरीज के क्षेत्र में यादव ने अपने रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वे अश्लीलता परोसने वाली वेब सीरीज के खिलाफ हैं। वह उन प्रोजेक्ट्स को गंभीरता से नहीं लेते जिनमें दर्शकों को अश्लील सामग्री दिखाई जाती है। उनके अनुसार, एक वेब सीरीज केवल तभी सार्थक होती है जब उसमें सकारात्मक या उपयोगी संदर्भ हो। यादव ने ऐसे प्रोजेक्ट्स को “बीमार” मानते हुए कहा कि ऐसे काम करने वाले कलाकारों और निर्देशकों को वे गंभीरता से नहीं लेते।

उत्तर प्रदेश के बारे में बात करते हुए राजपाल यादव ने कहा कि यह उनकी मातृभूमि है। यूपी को उन्होंने भारतीय संस्कृति का धरोहर मानते हुए कहा कि यहां कई महान ऋषि-मुनि, नेता, और कलाकार हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यूपी ही है जिसने उन्हें मुंबई तक पहुँचाया और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। यूपी के धार्मिक स्थलों और वहां के सांस्कृतिक महत्व की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस विषय पर चर्चा की जाए तो घंटे भी कम पड़ जाएंगे।

महाकुंभ के अनुभव को साझा करते हुए यादव ने कहा कि उन्होंने तीन बार महाकुंभ में भाग लिया है और वहां की व्यवस्था को सराहा है। उनके अनुसार, महाकुंभ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने अपने दिव्य दृष्टि के स्रोत के रूप में अपने माता-पिता और गुरु, परम पूज्य श्री देव प्रभाकर शास्त्री जी का जिक्र किया, जिनकी प्रेरणा से वे जीवन के बड़े उद्देश्यों को समझते हैं। इस प्रकार, राजपाल यादव ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व की बात करते हुए सभी को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया।