दिल्ली में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित 10वें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का समागम 14 से 16 फरवरी को होने जा रहा है, जिसमें भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जैसे प्रमुख राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ व्यापार, कला और समाज सेवा के क्षेत्रों की अनेक प्रभावशाली महिलाएं शामिल होंगी। इस ऐतिहासिक आयोजन में 500 से अधिक प्रतिनिधि और 60 से ज्यादा वक्ता एकत्रित होंगे, जिसमें देश-विदेश से दिग्गज हस्तियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पिछले लगभग 20 वर्षों में, इस सम्मेलन में 115 देशों से 463 प्रमुख वक्ता और 6,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
इस वर्ष के सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति के साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, और श्रम और रोजगार मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे जैसी कई विशिष्ट हस्तियां भाग लेंगी। इसके अतिरिक्त, कॉमनवेल्थ की महासचिव पेट्रिशिया स्कॉटलैंड, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी श्रीमती आकी आबे, तथा बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्रियां जैसे हेमा मालिनी और शर्मिला टैगोर भी शामिल होंगी। सम्मेलन की अध्यक्षता श्रीमती भानुमती नरसिम्हन कर रही हैं, जो श्री श्री रवि शंकर की बहन हैं। वे आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण कार्यक्रमों का नेतृत्व करती हैं, साथ ही यह संगठन 180 देशों में सक्रिय रूप से कार्यरत है।
इस वर्ष का विषय है ‘जस्ट बी’, जो श्री श्री रवि शंकर की एक कविता से प्रेरित है। यह सम्मेलन न केवल नेतृत्व और आत्म-खोज के पहलुओं पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि इसमें अंतरराष्ट्रीय खाद्य महोत्सव और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया जाएगा। खासतौर पर, ‘सीता चरितम्’ नामक संगीतमय नाट्य प्रस्तुति का मंचन किया जाएगा, जिसमें 500 से अधिक प्रतिभाशाली कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह प्रस्तुति श्रीराम और माता सीता की महाकाव्य गाथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करेगी, जो दर्शकों के लिए एक अलग और प्रभावशाली अनुभव देने के लिए तैयार की गई है।
इसके अलावा, सम्मेलन में “स्टाइलिश इनसाइड आउट: फैशन फॉर अ कॉज” नामक एक विशेष खंड भी शामिल किया गया है, जिसमें भारत के प्रमुख फैशन डिजाइनरों जैसे सब्यसाची, मनीष मल्होत्रा और राहुल मिश्रा की कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इन डिजाइनर कृतियों की नीलामी की जाएगी, और इसकी आय आर्ट ऑफ लिविंग के निःशुल्क विद्यालयों के समर्थन के लिए दान की जाएगी। गौरतलब है कि आर्ट ऑफ लिविंग वर्तमान में 1,300 से अधिक निःशुल्क विद्यालय चला रहा है, जो एक लाख से अधिक विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रहा है।
यह सम्मेलन केवल एक पारंपरिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बौद्धिक चर्चाओं, आध्यात्मिक अभ्यास, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और समाज सेवा का एक अद्वितीय अनुभव है। यह बैठक शहरी और ग्रामीण महिलाओं के बीच एक मजबूत कड़ी बनाकर सहयोग और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। आर्ट ऑफ लिविंग के निःशुल्क विद्यालयों के शिक्षक भी इसमें भाग लेंगे, जो अपने जमीनी अनुभवों को वैश्विक मंच पर साझा करेंगे। यह सम्मेलन महिला नेतृत्व का एक उत्सव है और ‘जस्ट बी’ की प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।