संगम के पवित्र जल से नहाएंगे यूपी के कैदी, 76 जेलों में भेजा गया जल!

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उत्तर प्रदेश की 76 जेलों में हाल ही में एक विशेष पहल के तहत कैदियों को संगम के पवित्र जल से स्नान कराने की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए, जिसके अनुरूप जेलों के अंदर ही त्रिवेणी जल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। प्रयागराज की सेंट्रल जेल नैनी के अधीक्षक रंग बहादुर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि कई जेलों के कर्मचारी संगम से जल लेकर जा रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि सेंट्रल जेल में तकरीबन 1900 कैदियों को इस पवित्र जल से स्नान कराया जाए।

उत्तर प्रदेश की जेलों में कुल 76 जेलें हैं, जिनमें पांच सेंट्रल जेल शामिल हैं। इन जेलों में बंदियों की अधिकतम क्षमता 76 हजार है, लेकिन वर्तमान में इनमें लगभग 90 हजार बंदी कैद हैं। ऐसे में संगम के जल से स्नान कराने की यह प्रक्रिया एक सामाजिक और धार्मिक पहल के रूप में देखी जा रही है। सरकार का मानना है कि यह कदम बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा और पुनर्वास की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत देगा।

बंदियों के लिए संगम का जल केवल एक धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि यह उन्हें एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करने का प्रयास भी है। यह पहल उन कैदियों के लिए एक विशेष अवसर हो सकता है, जो अपनी व्यावसायिक और मानसिक स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, यह प्रयास समाज में कैदियों को पुनः स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा।

इसके अतिरिक्त, इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से हमें यह संदेश भी मिलता है कि समाज में व्यवहारिक परिवर्तन लाने के लिए ऐसे कदम आवश्यक हैं। इस अवसर का आयोजन न केवल सेंट्रल जेल में बल्कि पूरे राज्य की विभिन्न जेलों में किया जा रहा है, जिससे पूरे यूपी में धार्मिक उत्सव का माहौल बनेगा। जेल प्रशासन इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है, ताकि सभी बंदियों को इसका लाभ मिल सके।

अंत में, संगम के जल से स्नान कराने की इस पहल का उद्देश्य केवल धार्मिक क्रियाकलाप नहीं, बल्कि कैदियों के जीवन में आशा की किरण लाना भी है। ऐसे अनोखे प्रयास समाज में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले हैं और इससे न केवल बंदियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उन्हें समाज में पुनः स्थापित होने का मौका भी मिलेगा। सरकार के इस कदम से निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।