लखनऊ के बालगृह से दो मूक बधिर नाबालिग कैसे गायब हुईं? रहस्य गहराया!

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लखनऊ में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां निर्वाण राजकीय बालगृह से दो नाबालिग लड़कियों ने दीवार कूदकर फरार होने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि ये दोनों लड़कियां मूक बधिर हैं और उनकी उम्र क्रमश: 14 और 15 साल है। घटना मोहान रोड स्थित पारा थाने क्षेत्र की है। अधीक्षिका प्रीति मिश्रा के अनुसार, बुधवार को यह घटना सुबह 3:30 से 5 बजे के बीच हुई। उन्होंने बताया कि लड़कियों ने सबसे पहले एक आंगन में बेंच लगाकर खिड़की के छज्जे पर चढ़ने का प्रयास किया और इसके बाद छत पर पहुंच गईं। वहां से उन्होंने कटीली तार की बाउंड्री दीवार के पास ईंट की सीढ़ी बनाकर कूदने का साहस दिखाया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी है। उन्हें ढूंढने के लिए पारा पुलिस ने विशेष टीमों का गठन किया है। प्रीति मिश्रा ने बताया कि जब उन्होंने सुबह गिनती की तो यह पता चला कि दोनों लड़कियां गायब थीं। तुरंत ही उन्होंने इस बारे में पारा थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अब इनकी तलाश के लिए विभिन्न स्थानों पर प्रयास कर रही है, लेकिन फिलहाल इनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

इस घटना की तुलना में एक और मामला प्रकाश में आया है, जिसमें लखनऊ के अलीगंज इलाके के एक अनाथालय से नौ नाबालिग लड़कियां बाथरूम की खिड़की काटकर भाग गईं। सभी लड़कियों की उम्र 16 से 17 साल के बीच है। जब संचालिका ने सुबह गिनती की तो सभी लड़कियां उपस्थित नहीं थीं, जिसके बाद उन्होंने पुलिस और अधिकारियों को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की और फिर से एक बार सभी लड़कियों की गिनती की गई, जिसमें दो लड़कियों को करीब 3 घंटे बाद बरामद किया गया। इनमें से एक जम्मू और दूसरी बहराइच की रहने वाली है। भागी हुई लड़कियों ने कहा कि वे पढ़ाई करना चाहती हैं, लेकिन वहां कोई उन्हें पढ़ाने वाला नहीं है।

पुलिस ने इस मामले में नाकाबंदी की है और रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप जैसे स्थानों पर लड़कियों की तलाश कर रही है। इसके अलावा, पुलिस ने उनके परिवारों से भी संपर्क किया है ताकि उन्हें जल्द से जल्द ढूंढा जा सके। इन घटनाओं ने बाल सुधार गृहों और अनाथालयों की सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर प्रश्न उठाए हैं, और यह आवश्यक हो गया है कि इस तरह की संस्थाओं में बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा पर ध्यान दिया जाए।

इन दोनों मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। अधिकारियों को इन अनाथालयों की स्थिति और बच्चों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।