मार्च 2021 में प्रयागराज में एक वकील, प्रोफेसर और कुछ अन्य लोगों के घरों को ध्वस्त करने पर यूपी सरकार को फटकार
नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2021 में प्रयागराज में एक वकील, प्रोफेसर और कुछ दूसरे लोगों के घरों को ध्वस्त करने पर यूपी सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये स्तब्ध करने वाली घटना है और इसका गलत संदेश जाएगा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिरकार संविधान का अनुच्छेद 21 भी कोई चीज है जिसके तहत आश्रय का अधिकार निहित है। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि ध्वस्त करने के पहले घरों पर नोटिस चस्पा किए गए थे। तब कोर्ट ने कहा कि ये तकनीकी आधार है और हम इससे निपटना जानते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई को भयानक बनाया। कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि नोटिस चस्पा क्यों किए गए। कानून के मुताबिक याचिकाकर्ताओं को कोरियर से क्यों नहीं भेजे गए। कोर्ट ने कहा कि ध्वस्त घरों का निर्माण करना ही होगा।
दरअसल वकील जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और तीन अन्य लोगों ने याचिका दायर किया था। इन सभी याचिकाकर्ताओं के घरों को ध्वस्त कर दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं के घरों को ध्वस्त करने से एक रात पहले मार्च 2021 में नोटिस चस्पा किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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