ISI से जुड़े आतंकी लाजर की चौंकाने वाली साजिश, महाकुंभ के पास 45 दिन की गुप्तता!

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हाल ही में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकी लाजर मसीह ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बने हैं। लाजर ने बताया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के तीन एजेंटों के संपर्क में था और सरहद पार से आने वाले हर कंसाइनमेंट को उसी ने व्यवस्थित किया था। उसकी गतिविधियों का मुख्य लक्ष्य महाकुंभ था। लाजर ने 45 दिन तक प्रयागराज के करीब जंगल में एक गुफा में छिपकर बिताए और इसी दौरान वह कुंभ मेले में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था।

सूत्रों के अनुसार, लाजर मसीह का नाम तब सामने आया जब वह 3 और 4 फरवरी को प्रयागराज पहुंचा था। वह यहां एसटीएफ की निगरानी में आया, लेकिन तुरंत ही उनके हाथों से बच निकला। उसकी योजना कुंभ में बड़े पैमाने पर आतंकवादी क्रियाकलाप करना और इसके बाद कतर या पुर्तगाल भाग जाना था। हालांकि, बाद में एसटीएफ ने कौशांबी के इलाके में उसकी लोकेशन ट्रेस की और उसे गिरफ्तार कर लिया।

लाजर ने अपने आधार कार्ड के लिए गाजियाबाद के जिस पते का इस्तेमाल किया था, वहां वह कभी नहीं रहा। उसने पुलिस वेरिफिकेशन के लिए गाजियाबाद जाने की योजना बनाई थी, लेकिन उससे पहले ही वह पकड़ा गया। लाजर ने कुंभ में आतंकवादी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कौशांबी, कानपुर और फतेहपुर के कुछ कम सुरक्षा वाले होटलों में ठहरकर अपनी योजना को अंजाम देने का प्रयास किया।

सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी सूचना दी है कि लाजर के अन्य सहायक भी उनके रडार पर हैं। उसने जो जगहें चुनी थीं, वहां बैठने वालों की पहचान की जा रही है। एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने कहा कि जांच एजेंसियां लाजर के मददगारों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रही हैं और समय आने पर इसका खुलासा किया जाएगा।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि पीलीभीत को खालिस्तानी आतंकियों और आईएसआई के गठजोड़ का एक केंद्र माना जा रहा है। दिसंबर में तीन आतंकियों का मारा जाना और गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला इस संबंध में महत्वपूर्ण है। लाजर मसीह ने जिन आतंकियों को असलहे मुहैया कराए, उनमें से कुछ को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

अमिताभ यश के अनुसार, लाजर मसीह के पास से मिले मोबाइल नंबरों में कई विदेशी नंबर शामिल हैं, जो उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को बताते हैं। अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, पुर्तगाल और कतर जैसे देशों से उसे भारत में खालिस्तानी मूवमेंट को मजबूत करने के लिए फंडिंग मिल रही थी। लाजर के खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियां अब हर पहलू की जांच कर रही हैं ताकि उसे जोड़ने वाले सभी तारों को पकड़ा जा सके।

इस घटनाक्रम से साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की मुहिम में तेजी आई है, और वे अब किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं। ऐसे समय में जब देश की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लाजर मसीह का खुलासा महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।