नैमिषारण्य के मनु-शतरूपा मन्दिर स्थल को मानव का अवतार: प्रखर जी महाराज

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नैमिषारण्य के मनु-शतरूपा मन्दिर स्थल को मानव का अवतार: प्रखर जी महाराज

महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी (हि.स.)। नैमिषारण्य के मनु-शतरूपा मन्दिर स्थल को मानव का अवतार माना जाता है। मनु-शतरूपा मंदिर के परिसर में प्रवेश करते ही मन सकारात्मकता से भर जाता है। यह बात शनिवार को प्रयागराज महाकुम्भ मेला के सेक्टर-19 में संचालित श्री प्रखर परोपकार मिशन अस्पताल शिविर के ज्ञानालय में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अनन्तश्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने कही।

उन्होंने श्री राम कथा श्रवण कराते हुए कहा कि स्वयम्भू मनु एवं शतरूपा, दोनों की इच्छा की पूर्ति करते हुए प्रभु श्री हरि ने वरदान दिया और कहा कि त्रेतायुग में आप दोनों को अयोध्या के महाराजा और महारानी के रूप में जन्म मिलेगा और आपके पुत्र के रूप में मेरा सातवाँ अवतार अर्थात श्रीराम का जन्म होगा। इसी वरदान के फलस्वरूप अगले जन्म में स्वयम्भु मनु राजा दशरथ और उनकी पत्नी शतरूपा माता कौशल्या बनी। वहीं प्रभु श्रीराम ने उन दोनों के पुत्र के रूप में जन्म लिया। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य के मनु-शतरूपा मन्दिर स्थल को मानव जाति का अवतार माना जाता है। मनु-शतरूपा मन्दिर के परिसर में प्रवेश करते ही मन सकारात्मकता से भर जाता है। इस मन्दिर में भगवान मनु और देवी शतरूपा की सुन्दर मूर्तियाँ विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि भगवान मनु-शतरूपा और व्यास गद्दी की तपोस्थली के दर्शन के बाद ही नैमिषारण्य की यात्रा पूर्ण मानी जाती है।

ज्ञानालय के रात्रिकालीन सत्र के प्रश्न उत्तर सभा’ में पी.पी.एम. संस्कृत एकेडमी के निदेशक डाॅ. सज्जन प्रसाद तिवारी ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि प्रभु नाम जपने से सरल कुछ भी नहीं है। सारे संसार के साधन करने से जो हमें प्राप्त हो सकता है, वह सब केवल प्रभु नाम के जप से ही प्राप्त हो जाता है। प्रश्नोत्तरी सभा में काशी से पधारे पूज्य योगेश जी ब्रह्मचारी एवं प्रोफेसर डाॅ. कमलाकान्त त्रिपाठी ने भी धर्मशास्त्र तथा मीमांसा की विविध पंक्तियों के माध्यम से भक्तों के प्रश्नों के सटीक व शास्त्र सम्मत उत्तर प्रदान किए।

अस्पताल की ओ.पी.डी. में शनिवार को लगभग 1200 से अधिक रोगियों की ओपीडी. की गई एवं पॅथाॅलाॅजी में 50 से अधिक रोगियों की जांच व एक दर्जन से अधिक रोगियों के एक्स-रे किए गए।

शिविर में प्रमुख रूप से सर्वश्री राजेश अग्रवाल, डाॅ. सज्जन प्रसाद तिवारी, विश्वनाथ कानोडिया, अशोक जोशी, सुषमा अग्रवाल, रघुनाथ सिंह, सुशील खेमका, अन्जू बत्रा, विनीता शर्मा, सिद्धार्थ शर्मा, अनिल गर्ग, किरन गर्ग, किरन नेमानी, अजित मेहता, कनिष्क मेहता, वशिष्ठ मेहता, आयुष जोशी, लोकेश लोहिया, ऋचा कानोडिया, रेखा लोहिया, संजय गर्ग, ब्रह्मचारी शिव प्रकाश जी, ब्रह्मचारी आनन्द प्रकाश जी, आचार्य बाल कृष्ण तिवारी, राजीव तिवारी, नीति तिवारी, गौरीशंकर भारद्वाज, दिनेश मिश्रा, रोजालिन दास एवं योगेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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