सफल हाेने के लिए जुनूनी हाेना जरुरी, मेरे सरनेम से बीसीसीआई को थी दिक्कत- पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ 

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सफल हाेने के लिए जुनूनी हाेना जरुरी, मेरे सरनेम से बीसीसीआई को थी दिक्कत- पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ 

जयपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने कहा है कि सफल हाेने के लिए जुनूनी हाेना जरुरी है। पढाई बहुत अधिक मायने नहीं रखती है। हम खुशकिस्मत थे कि महान लाला अमरनाथ हमारे पिता थे। वे पढाई से ज्यादा क्रिकेट के लिए बहुत अनुशासित थे। वे पढाई से ज्यादा खेल काे महत्व देते थे। उन्होंने जो तैयारी कराई, उसी से हम कुछ बन पाए। पढ़ाई में फेल होते थे, लेकिन उन्हें पढ़ाई से मतलब नहीं था। फील्ड पर बहुत स्ट्रिक्ट थे। कोई दूसरे गेम भी नहीं खेलने देते थे। हम तीन तीन बार बार फेल हुए। बडे भाई दो साल बड़े थे, लेकिन फेल होते होते हम साथ आ गए थे। मेरे लिए वतन के लिए खेलना जरूरी था और मैं लकी हूं कि देश के लिए खेल सका।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के सत्र में अपनी पुस्तक ‘फीयरलेस: ब्रेकिंग थ्रू द बाउंड्री लाइन’ पर चर्चा करते हुए अमरनाथ में कई अनछुए और विवादास्पद मुद्दे पर भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्हाेंने पीडा जाहिर करते हुए कहा कि अमरनाथ नाम के साथ बीसीसीआई को दिक्कत थी। मेरे पिता (लाला अमरनाथ) से भी थी और फिर इसी नाम की वजह से मुझसे हुई। यह एक पीढी से दूसरी पीढी चलती रही। अगर हमारा सरनेम दूसरा होता तो हमें टीम से ड्रॉप नहीं किया जाता।

खराब फार्म में चल रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली काे टीम में रखने के सवाल पर अमरनाथ ने सलेक्टर्स पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के बारे में फैसला कोई मजबूत सिलेक्टर ही ले सकता है। अगर चयनकर्ता बेहतरीन खिलाड़ी नहीं रहे हैं तो वे मजबूत फैसले नहीं ले पाएंगे। अगर आप प्रमुख हैं। आपको मजबूत फैसले करने चाहिए थे। जब आप काफी सीनियर होते हैं। बहुत भूख नहीं रह जाती। चुस्ती नहीं रहती। चयनकर्ताओं का कितना अनुभव है। क्या योग्यता है, पता नहीं।

पाकिस्तान अंपायर बिल्कुल पक्षपात नहीं करते थे!

वर्ल्ड कप विजेता पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने पूर्व खेल प्रशासक अमृत माथुर से चर्चा के दाैरान पाकिस्तान दौरे से जुड़े किस्से सुनाए।उन्होंने कहा कि एक बार पाकिस्तान दाैरे के दाैरान वहां कुछ खिलाड़ियों के साथ साथ अम्पायर पर डराते थे। एक बार अम्पायर ने मुझे बताया कि हमारे इमरान खान की बॉल एक-एक मीटर तक स्विंग होती है। अब्दुल कादिर की बॉल लेग स्टंप से ऑफ स्टंप उड़ा देती है। पाकिस्तान के अंपायरों पर चुटकी लेते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि वे बिल्कुल पक्षपात नहीं करते थे। बॉलर अपील करते थे, पूछते थे कि अल्लाह कहां हैं तो अंपायर अंगुली ऊपर करके बताते थे। इस तरह बल्लेबाज आउट हो जाते थे। पाकिस्तान दाैरे का एक और किस्सा साझा करते हुए अमरनाथ ने कहा कि हम पाकिस्तान दौरे पर जा रहे थे। हमारे मैनेजर ने कहा कि शराब लेकर चलते हैं। पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में शराब नहीं मिलती है। जब वहां पहुंचे तो पता चला कि यहां तो शराब की नदियां बह रही हैं। हम एक पार्टी में गए। जहां पाकिस्तानी खिलाड़ी भी थे। जब पहुंचे तो दिखा बिल्कुल अंधेरा था। अचानक वहां सेना के जवान एके47 के साथ आ गए। कहा- आप यहां शराब नहीं पी सकते। पुलिस बुलाई जाएगी और गिरफ्तार किया जाएगा। सुनील गावस्कर कप्तान थे। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तानी खिलाड़ियों को गिरफ्तार करोगे, तो हमें भी करो। फिर सारे छूट गए।

अमरनाथ ने कहा कि सन 81 की बात है। मै काउंटी के लिए खेलता था और फार्म में नहीं था और मेरे दाेस्त कहते थे कि अब तेरा टाइम हो गया तो मुझे लगता था कि इन्हें गलत कैसे साबित करूं। जुनून होना जरूरी है, इसी से बात बनती है। मैं आत्मविश्वास से खेलता रहा और फिर से भारतीय टीम से खेलने लगा। बेस्ट कप्तान की चर्चा करते हुए अमरनाथ ने कहा कि बिशन सिंह बेदी टॉप कैप्टन थे। सनी बहुत कैलकुलेड थे। इमरान लीडर थे। सुनील, सचिन और विराट में से सुनील बेस्ट थे। सत्र में मोहिंदर अमरनाथ के भाई और पुस्तक के लेखक राजेन्द्र अमरनाथ भी माैजूद रहे।