जया बच्चन को वित्त मंत्री का चैलेंज: कंगना के घर टूटने पर चुप्पी क्यों? इमरजेंसी की याद भी दिलाई!

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12 फरवरी को राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा के दौरान, समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री को खत्म करने का आरोप सरकार पर लगाया। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जया बच्चन के आरोपों का जवाब देते हुए इमरजेंसी के दौरान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए हुई मुश्किलों को याद दिलाया। सीतारमण ने कहाकि, ”जया जी जिस पार्टी का समर्थन करती हैं – महाराष्ट्र विकास आघाड़ी – उसने कंगना रनौत के ऑफिस को तोड़ा था।”

वित्त मंत्री ने आगे मामले को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के साथ फोटो खिंचवाने के लिए नहीं है, बल्कि इंडस्ट्री के कल्याण के लिए काम भी कर रही है। उन्होंने इमरजेंसी के समय दिग्गजों जैसे देवानंद और किशोर कुमार के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र किया। सीतारमण ने जया बच्चन से सवाल किया कि जब कंगना का घर तोड़ा जा रहा था, तब वह कहां थीं? उनका इशारा उन दिनों की ओर था जब फिल्मों से जुड़े लोग सत्ता के दुरुपयोग का शिकार बनते थे।

इस बीच, मणि से बीजेपी की सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने वित्त मंत्री के जवाब का समर्थन करते हुए उन्हें धन्यवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि निर्मला सीतारमण ने उनके संघर्ष को उजागर किया और यह बताया कि कैसे कुछ राजनीतिक दलों ने उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया। कंगना ने वित्त मंत्री के समर्थन के लिए उन्हें आभार व्यक्त किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंगना को समर्थन प्राप्त है।

इस चर्चा में जया बच्चन ने अपनी चिंता प्रकट की थी कि सरकार फिल्म इंडस्ट्री को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा, “पहले भी सरकारें ऐसा करती रही हैं, लेकिन अब यह समस्या और गंभीर हो गई है। जब सरकार को जरूरत होती है, तब ही वे फिल्म इंडस्ट्री से संपर्क करती हैं और फिर उन्हें भुला देती हैं।” जया ने जीएसटी की बात करते हुए कहा कि फिल्म उद्योग की स्थिति इतनी खराब है कि सिंगल स्क्रीन थियेटर बंद हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग अब छोटी स्क्रीन पर फिल्में देखने नहीं जा रहे हैं, क्योंकि टिकटों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।

इस तरह, जया बच्चन के आरोपों और वित्त मंत्री के तर्कों के बीच फिल्म इंडस्ट्री के भविष्य को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाएगी और क्या वाकई फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। जया बच्चन सहित अन्य लोगों की ये चिंताएं इस बात का संकेत हैं कि फिल्म इंडस्ट्री को चाहिए कि उसे सही मायनों में मान्यता मिले और उसकी समस्याओं का समाधान किया जाए, ताकि यह सेक्टर अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सके।