लखनऊ में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को मुंशी पुलिया और खुर्रम नगर फ्लाईओवर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। हालांकि, स्थानीय पत्रकारों की जांच में पता चला है कि इन फ्लाईओवर की तैयारियों में कई कमियां हैं। उद्घाटन के स्थल के समीप की सड़क की स्थिति बेहद खराब है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि परियोजनाओं का कार्य अधूरा है। दोनों फ्लाईओवर के निर्माण में अनेक स्थानों पर दीवारों में दरारें आ गई हैं, और प्लास्टर भी उखड़ने लगा है। यहां तक कि कई जगहों पर रेलिंग में दरारें भी दिखाई दे रही हैं और कवर गायब हो चुके हैं।
मुंशी पुलिया फ्लाईओवर की लंबाई करीब 1800 मीटर है, लेकिन इसके निर्माण कार्य में कई महत्वपूर्ण तत्व पूरे नहीं हुए हैं। एक्सपेंशन ज्वाइंट्स को भरने में लापरवाही बरती गई है, जिसके कारण तेज गति से चलने वाले वाहनों को झटके लग रहे हैं और इससे बड़ा हादसा होने का डर है। मार्ग पर लगे संकेतक बोर्ड भी अधूरे हैं, जिससे लोगों को दिशा मिली नहीं रही है। इंदिरा नगर में खुर्रम नगर फ्लाईओवर का भी हाल कुछ ऐसा ही है। मार्ग को सूचित करने के लिए कोई संकेतक नहीं लगाया गया है और सर्विस रोड पर नाले का कार्य भी अधूरा है।
लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन विकास नगर में मिनी स्टेडियम में किया जाएगा, परंतु कार्यक्रम स्थल के ठीक सामने की सड़क में गड्ढे हैं और वहां बजरी और गिट्टी फैली हुई है। खराब सड़क की स्थिति के कारण गाड़ियों के चलने में समस्या का सामना किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद दोनों फ्लाईओवर के निर्माण से स्थानीय निवासियों में खुशी का माहौल है। स्थानीय निवासी मानस ने कहा कि फ्लाईओवर के बनने से यातायात में बहुत कमी आई है, जिससे वह समय की बचत कर रहे हैं।
इंजीनियरिंग चौराहे के दिवेश कुमार अवस्थी के अनुसार, पहले उन्हें पोलिटेक्निक और मुंशी पुलिया चौराहे पर पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लगते थे, लेकिन अब वह एक घंटे में अपना कार्य पूरा कर लेते हैं। इससे उन्हें जाम से राहत मिली है।
इस संबंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आर.के. पिठौरिया ने कहा कि अगर कोई दरारें हैं, तो उन्हें ठीक किया जाएगा। वे यह भी बताते हैं कि एक्सपेंशन ज्वाइंट्स में गैप हवा के लिए छोड़ा जाता है, और किसी भी समस्या को जल्द सुधारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। दोनों फ्लाईओवर के निर्माण का कुल खर्च करीब 370 करोड़ रुपये है, और इसके जरिए प्रतिदिन लगभग 15 लाख की आबादी को जाम से मुक्ति मिलेगी। इस नए विकास परियोजना से लखनऊ की परिवहन सुविधा में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।