डॉक्टरों के घर से मैथ्स गोल्ड मेडलिस्ट बनने की बेटी की अद्भुत यात्रा!

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भारत के शिक्षा क्षेत्र में सफलता की नई कहानियाँ हमेशा से ही प्रेरणा देने वाली रही हैं। हाल ही में, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने अपने संघर्ष और मेहनत की बदौलत ऊँचाइयों को छुआ है। इनमें से एक छात्रा, इरम नाज, ने अपनी अद्वितीय यात्रा साझा की, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि परिवार के समर्थन के महत्व को भी उजागर करती है।

इरम का परिवार डॉक्टरों का है, लेकिन उनके अंदर गणित के प्रति एक खास रुचि थी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में गणित के प्रति उन्हें डर था, लेकिन उनके शिक्षक के प्रोत्साहन ने उन्हें इस डर को दूर करने में मदद की। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान 5 से 6 घंटे रोजाना और परीक्षा के समय 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई की, जिसके फलस्वरूप उन्होंने यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट का खिताब जीता। उनके माता-पिता और पति ने इस मुश्किल समय में उनका साथ दिया और उन्हें सही दिशा दी, ताकि वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। इरम की सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब परिवार का समर्थन होता है, तो मुश्किल रास्ते भी आसान हो जाते हैं।

दूसरी तरफ, अलवीरा परवीन अकिल ने भी अपनी मेहनत और समर्पण से उच्चतम स्थान हासिल किया है। उन्होंने एमटेक पूरी की और अब पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं। अलवीरा ने बताया कि उनके पिता विदेश में काम करते हैं, जबकि उनकी माँ ने चार भाई-बहनों की देखभाल की। अलवीरा ने बायोटेक्नोलॉजी में कैरियर बनाने का विकल्प चुना, क्योंकि NEET में उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने अपने टीचर्स के सहयोग को भी महत्वपूर्ण बताया, जबकि अपना खुद का प्रयास और समर्पण सफलता की कुंजी मानती हैं। उनका सपना प्रोफेसर बनना है, जिससे वे आगे की पीढ़ी को मार्गदर्शन दे सकें।

रामपुर की उनुका नासिर भी इस खास सूची में शामिल हैं। उन्होंने इंग्लिश में मास्टर्स पूरा किया और गोल्ड मेडल जीता। बचपन से ही उर्दू और हिंदी के प्रति रुचि रखने वाली उनुका ने बताया कि इंग्लिश में उन्होंने उत्कृष्टता हासिल की है। उनके अनुसार, मेहनत और लगन से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनका उद्देश्य भविष्य में प्रोफेसर बनकर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना है।

इन तीनों प्रतिभाशाली छात्रों की कहानी इस बात का सबूत है कि कठिनाइयों के बावजूद दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इनकी मेहनत, परिवार का सहयोग और प्रेरणादायक शिक्षकों का हाथ उन्हें उनके सपनों की ओर बढ़ने में सक्षम बनाता है। सभी ने साबित कर दिया कि सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए मेहनत और आत्मविश्वास सबसे आवश्यक है।