यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों में गणित की समझ और कौशल हमेशा से ही सराहनीय रहा है। गणित के प्रति उनकी स्पष्टता और कॉन्सेप्ट क्लेरिटी उन्हें परीक्षा के दौरान घबराने का अवसर नहीं देती। गणित के पेपर में तनाव महसूस करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आवश्यक यह है कि छात्र अंतिम समय तक अपने अभ्यास में लगे रहें। यह विचार मैथ्स विशेषज्ञ गौतम त्रिपाठी का है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा में गणित के प्रश्न पत्र में अंक देने की प्रक्रिया चरणों के अनुसार होती है, इसलिए अभ्यर्थियों को महत्वपूर्ण फॉर्मूलों और चरणों को लिखना चाहिए। इससे पेपर में अंक प्राप्त करने का अवसर बढ़ता है। साथ ही, जहां आवश्यक हो, वहां स्पष्ट चित्र या डायग्राम बनाना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
कैंपस@लखनऊ सीरीज के 127वें एपिसोड में गौतम त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को परीक्षा के समय प्रबंधन के बारे में भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा के शुरुआत में 15 मिनट का समय पत्र को पढ़ने के लिए दिया जाता है, जो बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि का उपयोग ध्यानपूर्वक पत्र को समझने और एक ठोस एक्शन प्लान बनाने के लिए करना चाहिए। इस दौरान सभी प्रश्नों का आकलन करें और तय करें कि किस प्रश्न को पहले हल करना है।
गौतम त्रिपाठी ने एक और महत्वपूर्ण सलाह दी कि परीक्षा समाप्त होने से 10-15 मिनट पहले ही अपने जवाब पत्र को पूरा कर लें। इसके बाद, अंतिम क्षणों में एक बार फिर से अपने उत्तरों का पुनरावलोकन करना न भूलें। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कहीं भी किसी गणना में त्रुटि न रह जाए और सभी यूनिट्स सही तरीके से अंकित हों। यह पुनरावलोकन न सिर्फ परीक्षा में प्राप्त अंक को बेहतर बना सकता है, बल्कि छात्र को आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।
इस प्रकार, गणित की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित प्रैक्टिस, सही उत्तर लेखन, समय प्रबंधन और निरंतर पुनरावलोकन ही कुंजी हैं। छात्रों को याद रखना चाहिए कि गणित में अनुभवी और बुद्धिमान बनना ही सफलता की ओर ले जाने वाला रास्ता है। इस दिशा में स्वस्थ मानसिकता और सकारात्मक दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर विद्यार्थी सही तरीके से योजना बनाएं और गौतम त्रिपाठी के इन महत्वपूर्ण सुझावों का पालन करें, तो वे निश्चित रूप से अपनी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।