लखनऊ की गलियों में डिजिटल रोमांस का जलवा: ‘इन गलियों में’ फिल्म के सितारों का दावा!

Spread the love

फिल्म निर्माता अविनाश दास, जिन्हें पहले ‘अनारकली ऑफ आरा’ के लिए जाना जाता है, अब अपनी नई फिल्म ‘इन गलियों में’ के साथ आने वाले हैं, जो 14 मार्च को रिलीज होगी। यह एक कॉमेडी ड्रामा है, जिसमें सामाजिक संदेश भी शामिल है। अभिनेता विवान शाह और नई प्रतिभा अवंतिका दसानी इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। फिल्म की कहानी लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब और वहां की गलियों का जीवंत चित्रण करती है। दर्शकों को भविष्य की डिजिटल दुनिया में लखनऊ की कल्चरल धरोहर का प्यार देखने को मिलेगा। अविनाश, विवान और अवंतिका ने इस फिल्म से संबंधित दैनिक भास्कर से बातचीत की।

अविनाश दास ने फिल्म बनाने की प्रेरणा के बारे में बताया कि उनके दोस्त यश मालवीय की प्रेरणादायक रचनाओं ने उन्हें उत्साहित किया। यश के छोटे भाई वसु मालवीय एक优秀 कथाकार थे, जो मुंबई में फिल्मी दुनिया में कदम रखने आए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश हादसे का शिकार हो गए। फिलहाल, वसु के बेटे पुनर्वसु ने उनके व्यक्तित्व से प्रेरित होकर तीन मुख्य पात्रों की कहानी लिखी है, जो आज की वास्तविकता को दर्शाएगी। अविनाश ने कहा कि ये गली और किरदार उनके जीवन का हिस्सा रहे हैं, और लखनऊ जाकर उन्होंने इनकी यात्रा को और गहराई से समझा।

फिल्म के मुख्य कलाकार विवान शाह और अवंतिका ने लखनऊ का महत्व साझा किया। विवान ने कहा कि लखनऊ की संस्कृति और इतिहास भारत के लिए अमूल्य हैं। यह शहर न केवल खाने-पीने की वजह से बल्कि इसके अदबी रिवाजों के कारण भी महत्वपूर्ण है। विवान ने लखनऊ से अपने प्यार का इजहार करते हुए इसके अनूठे कल्चर की प्रशंसा की। वहीं, अवंतिका ने भी लखनऊ की खानपान और संस्कृति की सराहना की, और इसके लिए उन्होंने अपने डायरेक्टर और राइटर पुनर्वसु को श्रेय दिया।

लखनऊ के भाईचारे और सौहार्द्र की स्थिति पर अविनाश ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लखनऊ का पुराना शहर आजकल की राजनीति और सोशल मीडिया के प्रभाव से प्रभावित हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोग अपने अनुभवों से सीखते हैं और नफरत की बजाय मोहब्बत को प्राथमिकता देते हैं। इससे यह साबित होता है कि आज भी लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर जीवित है।

अवंतिका और विवान ने फिल्म के शूटिंग अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे लखनऊ की गलियों में काम करना उनके लिए एक यादगार अनुभव था। उन्होंने लखनऊ की मेहमाननवाजी की तारीफ की और इसका जिक्र करते हुए कहा कि उनके साथ लोगों ने काफी सहयोग किया। अंत में, अविनाश ने अपने दर्शकों के लिए एक संदेश दिए है कि फिल्म ‘इन गलियों में’ न केवल प्रेम का संदेश है, बल्कि यह समाज में एकता को भी बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इस फिल्म के माध्यम से दर्शक नफरत के बजाय मोहब्बत का अनुभव करेंगे।

14 मार्च को रिलीज होने वाली यह फिल्म दर्शकों को लखनऊ की गलियों में प्रेम की गूंज सुनाने वाली है, जहां सांस्कृतिक विविधता और मानवीय रिश्तों की महक आपकी आत्मा को छू जाएगी।