दुल्हन ने ससुराल को लूटा: नशीली चाय पिलाई, जेवर लेकर हुई फरार!

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अलीगढ़ में एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक दुल्हन ने शादी के बाद ससुराल वालों को ‘धोखा’ दिया और चौंकाने वाला तरीका अपनाकर लूटपाट की। घटना 28 फरवरी को विवाह के बाद 3 मार्च को घटी जब दुल्हन ने अपने ससुराल वालों को नशीली चाय पिलाकर बेहोश कर दिया और उसके बाद 3.15 लाख रुपए और कीमती जेवर लूटकर फरार हो गई। यह मामला गोंडा थाना क्षेत्र के बसौली गांव का है। पीड़ित परिवार ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, जिससे पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।

रेवती प्रसाद ने अपने बेटे गुलवीर की शादी सीमा नाम की एक लड़की से की थी, जिसे लखीमपुर खीरी से बताया गया था। शादी के दौरान केवल परिवार के निकटतम सदस्य ही शामिल हुए थे और कोई रिश्तेदार या अन्य परिचित आमंत्रित नहीं किए गए थे। विवाह के बाद सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन एक दिन बाद की घटनाओं ने परिवार को चौंका दिया। 3 मार्च की शाम को, दुल्हन ने सभी को चाय दी, जिसमें उसने नशीला पदार्थ मिलाया, जिससे परिवार के सभी सदस्य बेहोश हो गए।

जब परिवार के लोग सुबह जागे, तो उन्हें अपनी संपत्ति की चोरी का पता चला। इस घटना ने परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है, जिससे उनके सामने कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। गोंडा थाना प्रभारी सुनील तोमर ने बताया कि पुलिस इस मामले में बिचौलिए और दुल्हन की तलाश कर रही है, जो व्यस्तता के चलते जालसाजी के शिकार हुए हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विवाह से पहले परिवारों को सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

इस घटना ने अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना दिया है, जो कि न केवल एक साधारण विवाह समारोह की परिभाषा को प्रभावित कर रहा है, बल्कि लोगों को इस बारे में सोचने को भी मजबूर कर रहा है कि विवाह में अपनों के खिलाफ इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे निपटा जाए। कुछ समय पहले भी गभाना क्षेत्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें अन्य उम्मीदवारों ने भी ससुराल वालों को धोखा देकर अपनी शादी के बाद ऐसी ही लूट की थी।

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में शादीशुदा जीवन को लेकर कुछ सावधानियों की आवश्यकता है, ताकि अपनी सुरक्षा और संपत्ति की चोरी से बचा जा सके। समय के साथ, इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए, लोगों को सजग रहना जरूरी है। पुलिस की प्रभावी कार्रवाई और बिचौलिए की पहचान से ऐसे मामलों में सुधार हो सकता है। यह सामाजिक मुद्दा अब केवल एक घटना नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा और विश्वास का विषय है।