सिंगर ऋषभ टंडन ने हाल ही में अपने दिल छू लेने वाले नए संगीत ‘इश्क फकीराना’ को रिलीज किया है, जिसमें उन्होंने न केवल अपने संगीत कौशल को प्रदर्शित किया है बल्कि भारतीय संगीत को आधुनिक रुझानों के साथ जोड़ने की कोशिश भी की है। उन्होंने इस गाने की प्रेरणा, संगीत निर्माण की प्रक्रिया और संगीत उद्योग में हो रहे बदलावों पर अपने विचार साझा किए। टंडन का मानना है कि ‘इश्क फकीराना’ इस बात का प्रतीक है कि कैसे सांस्कृतिक धरोहर को नई तकनीक और दृष्टिकोण के साथ पेश किया जा सकता है, जिससे कुछ अनोखा और विशेष तैयार किया जा सके।
ऋषभ ने अपने एल्बम ‘इश्क फकीराना’ में खुद को ‘फकीर’ के रूप में पहचानने की व्याख्या करते हुए कहा कि यह केवल एक नाम का परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन का एक नया अध्याय है। उन्होंने बताया कि 20 वर्षों तक संगीत से दूर रहने के बाद उन्होंने स्वयं को समझा, कई कठिनाइयों का सामना किया और अब वह एक नई दृष्टि के साथ लौटे हैं। यह एल्बम न केवल उनकी संगीत यात्रा का परिचायक है, बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत विकास की कहानी भी प्रस्तुत करता है। ऋषभ ने स्पष्ट किया कि यह काम उनके अंदर के ईमानदारी और गहराई को बयां करता है।
ऋषभ ने अपने पिछले हिट गाने ‘फिर से वही’ और वर्तमान में ‘इश्क फकीराना’ के बीच के बदलाव पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि वे आज की और पुरानी पीढ़ी के प्यार और अनुभवों के बीच एक पुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ‘इश्क फकीराना’ को एशिया की पहली डिजिटल म्यूजिकल सीरीज के रूप में पेश किया गया है, जिसमें उनकी और उनकी पत्नी ओलेसिया की प्रेम कहानी को अद्वितीय तरीके से दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि यह एल्बम केवल संगीत का संग्रह नहीं है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ लाने वाला एक अनूठा अनुभव है।
इस एल्बम में प्यार, सहनशीलता और आध्यात्मिकता जैसे महत्वपूर्ण विषय को शामिल किया गया है। ऋषभ का मानना है कि ये विषय हमेशा प्रासंगिक रहेंगे और संगीत में उनका स्थान बना रहेगा। उन्होंने अपनी आध्यात्मिकता के साथ अपने गाने को जोड़ने की बात करते हुए बताया कि भगवान शिव से उनका जुड़ाव उनके संगीत में स्पष्ट रूप से झलकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने संगीत पर पूरी क्रिएटिव नियंत्रण रखा है और व्यावसायिक समर्थन को नकारा है ताकि उनके काम की प्रामाणिकता बनी रहे।
आखिर में, ऋषभ ने डिजिटल युग में संगीत उद्योग में हो रहे बदलाव पर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्मों ने संगीत को विश्व स्तर पर पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘इश्क फकीराना’ इसका बेजोड़ उदाहरण है, जो कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिकता के साथ जोड़ते हुए एक नए दृष्टिकोण को दर्शाता है। टंडन का यह सपना है कि भारतीय संगीत को एक वैश्विक दर्शक वर्ग में प्रस्तुत किया जाए और वह इसे अपने काम के जरिए साकार करने में गर्व महसूस करते हैं। इस बदलाव का हिस्सा बनना उनके लिए एक नई शुरुआत की तरह है जो संगीत की दुनिया में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने का संकेत देता है।