यूपी में भाजपा के 29 जिलाध्यक्षों का हटना तय

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भाजपा में जिलाध्यक्ष पद के लिए नए नियम बनाए गए हैं, जिसमें लगातार दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके नेताओं को तीसरी बार मौका नहीं दिया जाएगा। इस नियम के तहत 29 जिलों में जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। इन जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी पंचायत और विधानसभा चुनाव कराने की होगी। इसलिए, सांसद और विधायक अपने मनपसंद नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

भाजपा के नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें 10 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे और 15 जनवरी तक नामों की घोषणा हो जाएगी। विधायक और सांसद अपने पसंदीदा कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं ताकि वे चुनाव में उनकी मदद कर सकें। कुछ जिलों में सांसद और विधायक जिलाध्यक्ष बदलने के लिए ताकत लगा रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय जिला अध्यक्षों की राय ली जाती है।

कुछ वीआईपी जिलों में जिलाध्यक्ष ऊपर से तय किए जाएंगे, जैसे कि वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी, गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ, मुरादाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महराजगंज में केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय की पसंद से ही नियुक्त किए जाएंगे।

भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 45-60 साल निर्धारित की है और लगातार दो बार के जिलाध्यक्ष को तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बनाने का निर्णय हुआ है। हालांकि, कुछ जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के करीबी हैं और उन्हें फिर से बरकरार रखने के लिए नियमों को नजरअंदाज किया जा सकता है।

भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक पहुंच गए हैं और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पर्यवेक्षक नामांकन पत्र लेकर 11 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को देंगे और प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय की अध्यक्षता में बनी टीम प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ पैनल पर मंथन करेगी।

उत्तर प्रदेश भाजपा को इस महीने नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरू की है। तावड़े ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने, डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी नेतृत्व पिछड़े या दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर मंथन कर रहा है।