हाल ही में खेल निदेशालय की बिल्डिंग पर हाउस टैक्स जमा नहीं करने के कारण सीलिंग की कार्रवाई की गई है। नगर निगम ने 79 लाख 06 हजार 192 रुपए के बकाया कर न चुकाने पर यह कठोर कदम उठाया। जोन-1 के अधिकारियों ने सोमवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया। नगर निगम के प्रतिनिधियों के मुताबिक, खेल निदेशालय को भुगतान की मांग के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन संबंधित विभाग ने टैक्स का भुगतान समय पर नहीं किया। जिसके बाद नगर निगम ने नज़रअंदाज़ करने के खिलाफ कार्रवाई करते हुए खेल निदेशालय की संपत्ति को सील कर दिया।
यह कार्रवाई नगर निगम के नियमों और कानूनों के अनुसार की गई है, जिससे अन्य सरकारी विभागों को सख्त संदेश दिया गया है कि किसी भी प्रकार के टैक्स के भुगतान में देरी या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम नगर निगम के राजस्व की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी ज़रूरी माना गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कड़ी कार्रवाई भविष्य में अन्य विभागों को समय पर टैक्स चुकता करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
नगर निगम के तहत यह कदम न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शासन और प्रशासन के प्रति भी एक अनुशासन की भावना को जागृत करता है। ऐसी कार्रवाईयों से यह साबित होता है कि सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह सीलिंग की कार्रवाई एक चेतावनी के रूप में है, जिससे अन्य विभागों को भी सबक मिले और वे समय पर अपने टैक्स का भुगतान करें।
खेल निदेशालय की संपत्ति पर की गई यह सीलिंग कार्रवाई ने सभी सरकारी संस्थानों में टैक्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया है। नगर निगम का यह कदम सुनिश्चित करता है कि सभी विभाग अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और नगर निगम को आर्थिक सहायता प्रदान करने में कोई कसर न छोड़ें। शहर के विकास और उसकी सही आर्थिक स्थिति के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हर विभाग मौके पर अपने कर्तव्यों का पालन करे।
अंततः, इससे यह संदेश जाता है कि शासन के सभी अंगों को अपनी खर्चों, करों और अधिकारों का ध्यान रखना चाहिए ताकि समाज व नागरिकों के कल्याण में कोई बाधा उत्पन्न न हो। खुद को सही दिशा में रखने के लिए सरकारी विभागों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे नगर निगम के नियमों का पालन करें और अपने वित्तीय दायित्वों को निभाते रहें।