जल वाले गुरू जूना अखाड़े के बने महामंडलेश्वर, स्वामी जलेश्वरानंद गिरि महाराज रखा गया नाम
– श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने उन्हें शिष्य बनाया और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने उनका महामंडलेश्वर के रूप में अभिषेक किया
महाकुम्भ नगर, 10 फ़रवरी (हि.स.)। लोनी में जल वाले गुरू के नाम से प्रसिद्ध जल वाले गुरू को जूना अखाडे का सोमवार को महामंडलेश्वर बनाया गया। उनका महामंडलेश्वर के रूप में अभिषेक कर उनका नाम स्वामी जलेश्वरानंद गिरि महाराज रखा गया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने उन्हें शिष्य बनाकर अखाड़े में शामिल किया। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने उनका अभिषेक कर उनको महामंडलेश्वर नियुक्त किया।
स्वामी जलेश्वरानंद गिरि महाराज को पंच गुरूओं की मौजूदगी में महामंडलेश्वर बनाया गया। रूद्राक्ष गुरू श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज, विभूति गुरू श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज, भगवा गुरू जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, लंगोटी गुरू श्रीमहंत केदारपुरी महाराज व चोटी गुरू श्रीमहंत हरि गिरि महाराज रहे। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज व जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने महामंडलेश्वर स्वामी जलेश्वरानंद गिरि महाराज से कहा कि वे सनातन धर्म को मजबूत करने व भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने का कार्य करें।