पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25 हजार शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
कोर्ट ने 7 मई 2024 को कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये एक भर्ती प्रक्रिया एक सुनियोजित साजिश है। कोर्ट ने कहा था कि 25 हजार शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अफसरों का काम है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूरी तरह से नियुक्तियों को रद्द करना ठीक नहीं है। वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। कोर्ट ने ये भी साफ किया था कि उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है जिनकी भर्ती अवैध पाई गई है। इस मामले की सीबीआई जांच जारी रहेगी। सीबीआई किसी भी अधिकारी या उम्मदीवार के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करेगी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य के स्कूलों में पढ़ाई ठप हो जाएगी। याचिका में राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड पर बिना किसी भी हलफनामे और मौखिक दलील के आधार पर ही मनमाने ढंग से नियुक्तियां रद्द कर दी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 22 अप्रैल 2024 को शिक्षकों की भर्ती को अवैध ठहराते हुए 24 हजार उम्मीदवारों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए भर्ती के बाद प्राप्त वेतन वापस करने का आदेश दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
—————