सनातनी अधिक संख्या में होंगे तो हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी: देवकीनंदन

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सनातनी अधिक संख्या में होंगे तो हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी: देवकीनंदन

– रोहिंग्या को देश से बाहर करने की जरूरत – प्रत्येक सनातनी को तुलसी माता की सेवा अवश्य करनी चाहिए

जालौन, 19 फ़रवरी (हि.स.)। उरई के गल्ला मंडी में चल रहे विष्णु महायज्ञ के दौरान कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बुधवार को यहां कहा कि देश में धर्म को बचाने के लिए सनातनियों की संख्या का अधिक होना अत्यंत आवश्यक है। यदि सनातनी अधिक संख्या में होंगे, तो हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इसलिए प्रत्येक सनातनी को अपने परिवार और समाज में धार्मिक जागरूकता फैलानी चाहिए और अधिक से अधिक बच्चों को धार्मिक शिक्षा से जोड़ना चाहिए।

कथा से पहले देवकीनंदन ने यज्ञ संयोजक प्रदीप माहेश्वरी के आवास पर पत्रकार वार्ता की। इसमें उन्होंने कहा कि धर्म को राजनीति से जोड़ना गलत है, लेकिन राजनीतिज्ञों को धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। कुंभ में आस्था और धार्मिकता को अधिक दिखाने की जरूरत है। रोहिंग्या को देश से बाहर करने की जरूरत है।

कथा पंडाल में श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का आयोजन किया गया। इस दिव्य विवाह को देखने के लिए हजारों भक्त उपस्थित हुए। कथा पंडाल को फूलों, दीपों और रंगीन वस्त्रों से अत्यंत भव्य रूप से सजाया गया था। विवाह की झांकी इतनी अद्भुत थी कि ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं द्वारिका में यह मंगल उत्सव संपन्न हो रहा हो।

कथा में उन्होंने कहा कि आजकल हिंदू परिवारों में बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती, लेकिन सोशल मीडिया पर स्वयं को धार्मिक दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। उन्होंने आग्रह किया कि हर सनातनी को अपने परिवार में धर्म की शिक्षा देनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ी रहें।

प्रत्येक सनातनी को तुलसी माता की सेवा अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि तुलसी न केवल आध्यात्मिक रूप से पवित्र मानी जाती हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करती हैं। तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में दिव्य वातावरण बना रहता है। कथा में पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार भी पहुंचे।